दिवाली के महत्वपूर्ण पांच पर्व
दिवाली हिन्दू के लिए बहुत बड़ा त्यौहार है दिवाली को दीपावली नाम से जाना जाता है ऐसी मान्यता है जब भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास और राक्षसी वृतियो का प्रतिक रावण का वध कर के आयोध्या लौटे थे तब अयोध्यावसीयोने दिप जलाके उनका स्वागत किया था. दिवाली पांच दिनों का पर्व होता है उसमे धनतेरस, छोटी दिवाली, दीवाली, गोवेर्धन पूजा, भाईदूज शामिल है।
1 धनतेरस (dhanteras )
ये पर्व दिवाली से दो दिन पहले आती है मान्यता है की इस दिन सोना चांदी नए बर्तन झाड़ू नमक खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है लक्ष्मी और कुबेर घर में धन संपत्ति लाते हैं ये पर्व 10 नोवेम्बर को मनाया जाता है शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण दृयोदशी के दिन भगवान धन्वन्तरी प्रगट होये थे. ऐसा मानना है की भगवान धन्वन्तर ये विष्णु के अवतार है उनका जन्म संसार में चिकित्सा विद्न्यान का प्रसार व् विस्तार हेतु उन्होने अवतार लिया था. भगवन धन्वंतर को प्राचीन चिकिस्ता आयुर्वेद के भगवान भी माना जाता है .

2 छोटी दिवाली (narak chaturdashi )
छोटी दीवाली यानि नरक चतुर्दशी दीवाली से एक दिन पहले 11 नोवेम्बर को है ऐसा मान्यता है इस दिन दक्षिन दिशा में यम को दीपक जलानेसे सुख समृद्धि आती है. कुछ धार्मिक ग्रंधो में ये लिखा है कार्तिक माह के नरकचतुर्दशी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध किया था इसीलिए ये पर्व मनाया जाता है.इसी दिन हनुमान की पूजा की जाती है.
3 दिवाली (diwali )
ये पर्व छोटी दीवाली एक दिन बाद आता है इस साल ये 12 नोवेम्बर को है मान्यता ता है की इस दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर कार्तिक मास अमावस्या तिथि को अपनी जन्मभूमि अयोध्या लोटेथे इसलिए अयोध्या वासियो ने उनका स्वागत घी के दिए जलाके किया था.
माँ लक्ष्मी माता की पूजा क्यों की जाती है (why we worship laxmi mata on dipavali )
शास्त्रों में एक जिक्र है की देवता और असुर समंदर मंथन कर रहे थे तब कार्तिक मास अमावस्या तिथि को माँ लक्ष्मी माता का जन्म हुआ. घर में सुख शांति और धन के लिए भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी को पूजते है. शुभ तिथि लक्ष्मी पूजन शुभ मुहरत शाम को 5 बजकर 59 से रात 8 बजकर 33 तक है.
4 गोवर्धन पूजा (govardhan puja )
पौराणिक कथावोमे एसा मानना है श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपने उंगली से उठाकर इंद्र के गुस्से से अपने बृजवासियोकि रक्षा की थी. इस दिन गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण की पूजा की जाती है ये पर्व 14 नोवेम्बर को मनाया जाएगा।
5 भाईदूज (bhaiduj )
एक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे. दूसरी कथा के अनुसार यम ने अपने बहन को मिलने से पहले नरक द्वार खोल दिया था. इसलिए भाईदूज का पर्व मनाया जाता है इस दिन एक बहन टिका लगाके भाई को नारियल देती है.
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